Tuesday, September 7, 2010

काले मेघा काले मेघा अब पानी मत बरसो

घनन  घनन  गिरी  गिरी  आये बरखा,
घन  घन  गोर  कर  छाई बदरा,
चमक  चमक  देखो खेलवा पर  बिजुरिया  चमके
मन  धड्काए  बदरवा  मन  धड्काए  बदरवा


काले मेघा काले मेघा अब पानी मत बरसो,
बिजली की तलवार rastrakul पर  मत गिराओ
इंडिया की इज्जत अब तुम  तो बचाओ,

कहें  यह  मन   मचल  मचल  न  यूँ  चल  संभल  संभल
गए  दिन  बदल अगली डेड लाइन  पर  तू  घरसे  निकल

लूटने के  दिनन  बीत  गए , भैया  अब इज्जत तो बचाओ
पैसा  अगर  बटेगा , कौन  फिर नहीं  तरसेगा
कमेटी अब  गाएगी  बैठी  मुंडेरो  पर
जइयो  तुम  जहाँ  जहाँ  देखियो  वहां  वहां
कीचड़ मिटटी और मछर यहाँ वहां


काले मेघा काले मेघा अब पानी मत बरसो,

बिजली की तलवार rastrakul पर मत गिराओ
इंडिया की इज्जत अब तुम  तो बचाओ,

Monday, September 6, 2010

निराश न करो अपने अरमानो को,

निराश न करो अपने अरमानो को,
कस लो जीवन की कमानों को,
भुला दो दुनिया के तानो को,
तैयार कर तरकस के तीरों को,

क़र्ज़ है तुझ पर माँ बाप के प्यार का,
बहन के राखी का,
भाई की जिम्मेदारी का,
दोस्तों के साथ का,

निश्चिंत हो जा विजय तुम्हारी होगी.
चढ़ता जायेगा तू सफलता की सोपानो पर

पर भूल न जाना राह की परेशानियों  को,
अँधेरे के उस डर को,
किसी के प्यार के उस क़र्ज़ को,
उजाले के उस संग को,
क्योकि जीवन का सच है
जीत के बाद हार है.

प्रवीण त्रिपाठी

Sunday, September 5, 2010

आज फिर याद आयी

आज फिर उन  दिनों की  याद आयी
भूले बिसरे उन  पलो  की याद आयी
फिर उन सावन के महीनो की खुशबू याद आयी
उसके आने के बाद की वो ख़ुशी  याद आयी

मिटटी की वो शोधी खुशबू याद आयी
उसकी वो मुस्कराहट आज फिर याद आयी
बंद आँखों से उसकी मौजूदगी फिर याद आयी
आज फिर याद आयी


वो मेरी शरारतो  पर नाराज होना
मुझे परेशान देख परेशान होना
खुश देखकर खुश होना
आज फिर  याद आयी

Saturday, September 4, 2010

हस्तरेखा और मानसिक स्थिति


हस्तरेखा के अनुसार हथेली का ठीक से निरीक्षण किया जाए तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति और सोचने-समझने की शक्ति का शत-प्रतिशत सही अंदाजा लगाया जा सकता है।


हम दिनभर में कई अनजान लोगों से मिलते हैं, ऐसे में कौन व्यक्ति कैसा है यह समझना काफी मुश्किल हो जाता है। किसी भी व्यक्ति की हथेली की बनावट और उसकी अंगुलियों तथा अंगूठे को ध्यान से देखने पर उसकी सोच को समझा जा सकता है। सामान्यत: तो अधिकांश लोग काफी हद तक अच्छे ही होते हैं परंतु कुछ आपराधिक प्रवृत्ति वाले भी होते हैं जो किसी की हत्या तक कर सकते हैं। ऐसे लोगों को पहचानने के लिए हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार कुछ बातें-

- आपराधिक प्रवृत्ति वाले या हत्या करने वालों के हाथ सामान्यत: निम्न श्रेणी होते हैं।

- इनके हाथों में मस्तिष्क रेखा छोटी, मोटी तथा लाल रंग की होती है।

- इनके हाथों में नाखुन छोटे और लाल रंग के होते हैं।

- ऐसे लोगों की हथेली भारी, मजबूत तथा खुरदुरी होती है।

- अंगूठा छोटा तथा मोटा होता है।

- अंगूठे का ऊपरी भाग गदा के समान होता है।

- जिन लोगों के हाथों में शुक्र पर्वत अत्यधिक विकसित और दूषित होता है और अन्य उक्त लक्षण भी हो तो वह वासना में डूबकर किसी की हत्या तक कर सकते हैं।

- इस प्रवृत्ति के कुछ लोगों का अंगूठा लंबा होता है जो मजबूती से हथेली से जुड़ा होता है और आसानी मुड़ता नहीं है।

- किसी व्यक्ति के हाथों में शुक्र पर्वत का अत्यधिक धंसा हुआ हो तो वह भी मानसिक स्तर पर निम्न ही होता है।

बाकी फिर कभी
प्रवीण