आज फिर उन दिनों की याद आयी
भूले बिसरे उन पलो की याद आयी
फिर उन सावन के महीनो की खुशबू याद आयी
उसके आने के बाद की वो ख़ुशी याद आयी
मिटटी की वो शोधी खुशबू याद आयी
उसकी वो मुस्कराहट आज फिर याद आयी
बंद आँखों से उसकी मौजूदगी फिर याद आयी
आज फिर याद आयी
वो मेरी शरारतो पर नाराज होना
मुझे परेशान देख परेशान होना
खुश देखकर खुश होना
आज फिर याद आयी
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