घनन घनन गिरी गिरी आये बरखा,
घन घन गोर कर छाई बदरा,
चमक चमक देखो खेलवा पर बिजुरिया चमके
मन धड्काए बदरवा मन धड्काए बदरवा
काले मेघा काले मेघा अब पानी मत बरसो,
बिजली की तलवार rastrakul पर मत गिराओ
इंडिया की इज्जत अब तुम तो बचाओ,
कहें यह मन मचल मचल न यूँ चल संभल संभल
गए दिन बदल अगली डेड लाइन पर तू घरसे निकल
लूटने के दिनन बीत गए , भैया अब इज्जत तो बचाओ
पैसा अगर बटेगा , कौन फिर नहीं तरसेगा
कमेटी अब गाएगी बैठी मुंडेरो पर
जइयो तुम जहाँ जहाँ देखियो वहां वहां
कीचड़ मिटटी और मछर यहाँ वहां
काले मेघा काले मेघा अब पानी मत बरसो,
बिजली की तलवार rastrakul पर मत गिराओ
इंडिया की इज्जत अब तुम तो बचाओ,
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